प्रस्तावना
भारत में 5 सितंबर का दिन विशेष महत्व रखता है। यह दिन केवल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में ही नहीं बल्कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक और आदर्श शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
2025 में भी देशभर में यह दिन बड़े हर्षोल्लास और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय
डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। वे न केवल एक विद्वान शिक्षक थे बल्कि भारतीय संस्कृति और दर्शन को विश्वभर में पहचान दिलाने वाले महान दार्शनिक भी थे।
- वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति बने।
- उनका मानना था कि “शिक्षक समाज की आत्मा होते हैं।”
- उन्होंने कहा था कि यदि उनका जन्मदिन मनाना है तो इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते बल्कि जीवन के मूल्य और संस्कार भी सिखाते हैं।
आज भी हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी शिक्षक को आदर्श मानता है।
- शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण का भी माध्यम है।
- शिक्षक ही वह शक्ति हैं जो भविष्य की नींव रखते हैं।
देशभर में आयोजन – 2025
2025 में भी पूरे भारत में शिक्षक दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:
- स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध प्रतियोगिता, और भाषण दिए जा रहे हैं।
- छात्रों द्वारा शिक्षकों के सम्मान में धन्यवाद समारोह हो रहे हैं।
- डिजिटल युग में ऑनलाइन वेबिनार और वर्चुअल इवेंट भी आयोजित किए जा रहे हैं।
शिक्षकों का सम्मान
शिक्षक दिवस पर भारत सरकार और राज्य सरकारें श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्रदान करती हैं।
- इन पुरस्कारों का उद्देश्य है कि समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाए।
- 2025 में भी कई शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया जाएगा।
आधुनिक समय में शिक्षक की भूमिका
आज के डिजिटल युग में शिक्षक की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
- ऑनलाइन शिक्षा, ई-लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में भी शिक्षक ही मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
- वे केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाते हैं।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि चाहे समय कितना भी बदल जाए, शिक्षक का महत्व कभी कम नहीं होता।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन हमें सिखाता है कि शिक्षा ही वह साधन है जो व्यक्ति और समाज दोनों को ऊँचाई तक ले जाता है।
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